Swati Sharma

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लेखनी कहानी -24-Nov-2022 (यादों के झरोखे से :-भाग 20)

         आई.सी.ए.आर. नेट करने के बाद जून में मैं मेरे अभिभावकों के साथ माउंट आबू घूमने गई। वहां जाने से पहले हमने उदयपुर घूमा। वहां गुलाब बाग देखा। उसके बाद सहेलियों की बाड़ी, जगदीशजी का मंदिर और पिछोला झील भी देखी। पिछोला झील पर हमने ऊंट की सवारी भी की।

         उसके पश्चात् हम हल्दी घांटी भी गए। वहां महाराणा प्रताप की सभी प्रकार की तलवारें एवम पोशाक थीं। हल्दी घांटी के युद्ध का पूरा विवरण अंदर संग्रहालय में देखने को मिला। वहां अंदर जाकर एक गुफ़ा भी थी। उसके भीतर जाने पर वहां अलग अलग पुतलों के रूप में युद्ध का सारा वर्णन किया हुआ था। एक व्यक्ति हमें सारा वृतांत सुनाता जा रहा था। अतः हम आगे बढ़ते जा रहे थे। ऐसा ही एक संग्रहालय उदयपुर शहर में भी हमने देखा।
         एक दिन में ये सब भ्रमण करने के पश्चात् दूसरे दिन हम माउंट आबू गए। रास्ते में घुमावदार रास्ता, पर्वतों को काटकर बनाया हुआ था। वह बेहद खूबसूरत जगह है। वहां हमने दिलवाड़ा जैन मंदिर देखा, उसमें देवरानी जेठानी महल देखा, उसके एकदम सामने एक छोटे से ढाबे पर हमने भोजन किया और आगे की यात्रा की ओर प्रस्थान किया। टॉड रॉक, नक्की झील, अर्बुदा माता मंदिर देखा। मंदिर में दो माता विराजमान हैं। उनकी मूर्ति काले मार्बल पत्थर की बनी हुईं हैं। वहां से आते समय मैंने एक सरस्वती माता की एक सुनहरी मूर्ति ली। वहां की याद के रूप में।
          उसके पश्चात् हम गुरु शिखर पर गए। वह राजस्थान की सबसे ऊंची पर्वत चोटी और वहां का दृश्य सबसे ज़्यादा विहंगम दृश्य था। इतना सुंदर कि जितनी तारीफ की जाए, कम है। फिर हम ब्रह्मा कुमारी देखने गए। वहां एकदम शांति का अनुभव हुआ। उसके पश्चात् हम वैक्स म्यूज़ियम गए। यह एक ऐसा संग्रहालय है जहां पर विभिन्न प्रकार के अभिनेता, वैज्ञानिक, महापुरुष वगेरह की मोम की मूर्तियां थीं। उन मूर्तियों के साथ हमने ढेर सारे फोटो खिंचवाए। उसके बाद संध्या काल में हम। सन सेट प्वाइंट पर गए। वहां ज्यादा कुछ नहीं था। बस वह एक ऐसा स्थान है, जहां से सूरज को डूबते हुए देखने का के अलग ही विहंगम दृश्य होता है।
           यह सब जगह घूमने के पश्चात् हमने वापस उदयपुर के लिए प्रस्थान किया। हम उदयपुर आए, वहां हमने रात का भोजन किया। थोड़ी देर के बाद हमारी बस थी, तो हम उसके लिए हॉटल से रवाना हो गए। परंतु, इतनी सारी सुंदर मधुरम यादों को लेकर हम सभी का मन इंद्रधनुष की भांति रंगीन हो गया था। अतः इतनी प्यारी और खूबसूरत यादों को अपने हृदय में समेटे हम अपने घर आ गए। वह स्थान अवश्य छूट गया था। परंतु, वहां की बसी यादें आज भी मन को आनंदित कर देती हैं। आपको भी यदि कभी मौका मिले तो जीवन में एक बार उदयपुर और माउंट आबू अवश्य भ्रमण हेतु जाइएगा।

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4 Comments

Parangat Mourya

08-Dec-2022 05:51 PM

Khoob🌸🙏

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Swati Sharma

08-Dec-2022 07:02 PM

Shukriya 🙏🏻

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Abhinav ji

08-Dec-2022 08:09 AM

Very nice👍

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Swati Sharma

08-Dec-2022 04:25 PM

Thank you Sir 🙏🏻

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